Happy Dhanteras
Dhanteras also known as the festival of...
माँ तुम ममता की मूरत, करुणा की सूरत हो ।
माँ तुम हर बच्चे की, बुनियादी जरुरत हो ।
माँ तेरे दामन में भरा है, सारे जहॉं का प्यार ।
माँ तुम ही तो हो, हर बच्चे का सँसार ।
माँ मेरा सर सदा ही तेरे, चरणों की वन्दना करता है ।
माँ तू एक क्षण भी दूर न होना, ये सोच के ही मन डरता है ।
माँ तुम बिन कब कँहा, किसका बचपन पला है ।
माँ हर बच्चा तुम्हारे बनाये, साँचे में ही ढला है ।
माँ तू है तो सब है-सब, तू नहीं तो कुछ नहीं-नहीं ।
माँ तू ही रब तू ही खुदा ईश्वर, माँ यही सत्य है यही-बस यही ।
गुरु भगवान ने बताया द्विज मतलब Twice Birth.
हमारा दो बार जन्म होता है| पहला माँ के गर्भ से जन्म देने वाली माँ का बहुत शुक्राना है| उन्होंने हमें 9 महीने गर्भ में रखा, जन्म दिया, खुद गीले में सोई हमें सूखे में सुलाया, प्यार से पाला, संस्कार दिए| उन माँ का ऋण हम कभी नहीं चुका सकते|
बच्चों को कभी भी अपने माता-पिता से बुरी तरह नहीं करना चाहिए| उनके प्रति बहुत शुक्राना, प्रेम और सेवा का भाव होना चाहिए|
एक सच्ची घटना
एक बार एक लड़का Managerial Post का interview देने के लिए एक कंपनी में गया| वहाँ Director के पास पहुँचा| Director ने उसका C.V देखा और कहा कि तुम्हारा C.V तो बहुत अच्छा है|
क्या तुम्हें कभी स्कूल में कोई Scholarship मिली है? लड़के ने कहा- नहीं|
क्या तुम्हारे पापा ने तुम्हारी स्कूल की फीस के पैसे दिए? उसने कहा नहीं, “मैं जब एक साल का था तो पिता का शरीर शांत हो गया था | मेरी माँ है जो स्कूल की फीस देती थी|”
तुम्हारी माँ कहाँ काम करती हैं, क्या काम करती हैं? नव युवक ने कहा- माँ कपड़े धोने का काम करती हैं, पैसे जमा कर-करके मेरी फीस जमा करी|
Director ने उस नव युवक से निवेदन किया- कृपया अपने हाथ दिखाओ| उसने अपने दोनों हाथ आगे कर दिए जो कि एकदम साफ़-सुथरे एवं कोमल थे| Director ने पूछा कि तुमने आज से पहले कभी अपनी माँ की कपड़े धोने में मदद की है? उसने कहा- “कभी नहीं, मेरी माँ हमेशा मुझे पढ़ने की लिए प्रेरित करती थीं और स्वयं बहुत तेज़ी से कपड़े धोती थीं|”
Director ने कहा- मैं तुमसे निवेदन करता हूँ की आज जब तुम घर पहुँचो तो अपनी माँ के हाथ साफ़ करना, Cream लगाना और मुझसे कल सुबह मिलना|
नव युवक को लगा कि यह नौकरी तो उसे ही मिलेगी| जब वह घर पहुँचा तो उसने अपनी माँ से कहा- “लाओ, मैं तुम्हारे हाथों को साफ़ कर दूँ, मुझे तुम्हारे हाथों में Cream लगानी है|”
माँ समझ नहीं पा रही थी कि क्या बात है| उसने ख़ुशी और हिचकिचाहट के साथ अपने दोनों हाथ अपने बेटे की तरफ बढ़ा दिए| नव युवक बहुत धीरे- धीरे प्रेम से माँ के हाथों को साफ़ करने लगा| उसकी आँखों से आँसू गिरते जा रहे थे| यह पहली बार था कि उसने देखा, उसकी माँ के हाथों में झुर्रियां पड़ी हुई हैं और वे कई जगह से कटे हुए हैं, खून जमा हुआ है| उनमें से कुछ जख़्म बहुत गहरे और कष्टदायक हैं| जब वो उनको हाथ लगाता तो माँ करहाती थी|
यह पहली बार था जब उस नव युवक ने महसूस किया – मेरी माँ के ये हाथ, मेरे लिए रोज़ कपड़े धोते थे ताकि मेरी स्कूल कि फीस दी जा सके| अपनी माँ के हाथों को साफ़ करने के बाद उस नव युवक ने उन कपड़ों को धोया, जो रह गए थे| आज उसको पता चला कि कपड़े धोने में कितना दम लगता है|
बच्चे यह सोचते हैं कि माँ को करना ही चाहिए| कभी वे यह नहीं सोचते कि माँ को कितनी तकलीफ होती है बच्चों को पालने में|
अगली सुबह जब नव युवक Director के Office पहुँचा, तब उसकी आँखे नम थीं|
Director ने पूछा- क्या तुम मुझे बता सकते हो कि तुमने कल अपने घर पर क्या किया और क्या सीखा?
उसने बोला- मैंने अपने माँ के हाथों को साफ़ किया और साथ ही बचे हुए कपड़ों को धोया| अब मुझे ये समझ आया कि आज मैं जो भी हूँ वो अपनी माँ की वजह से हूँ| इसके पीछे मेरी माँ का हाथ है| उसका काम बहुत मुश्किल था, उसने जो किया मेरे लिए किया और आज तक मैंने उन्हें कभी Appreciate नहीं किया| हमेशा सोचा ठीक है, माँ तो करती ही है|
गुरु बताते हैं- कोई हमारे लिए कुछ करता है, उसका शुक्राना मानना सीखें|
Director ने कहा- यही तो एक Manager में मुझे चाहिए, जो दूसरों के दुःख-तकलीफ को समझ पाये| उसकी मदद कर पाये, सबको Rise करा पाये| यह नहीं की मैं Manager हूँ| Helping attitude हो, Appreciate कर पाये और प्रेम हो जो आज तुमने अपनी माँ के लिए feel किया|
तुम्हें नौकरी पर रखा जाता है|
दूसरा जन्म होता है गुरु के मुख से| गुरु हमारी सच्ची माँ यानि Divine Mother होते हैं|
Dada Bhagwan said- “Until you are reborn from the lips of Guru, you cannot enter the kingdom of Heaven”.
माता-पिता जन्म तो देते हैं , पर गुरु हमें जन्म-मरण के चक्कर से छुड़ाते हैं| माँ पूर्ण ज्ञानी नहीं होती, तो हमें पूर्ण नहीं कर सकती| हम जब रोते हैं तो माता-पिता मोह वश हमारे साथ रोते हैं| पर गुरु भगवान हमें जीना सिखाते हैं, हिम्मत देते हैं, भगवान से जोड़ते हैं और हमारे आँसु हवा-हवा हो जाते हैं|
गुरु मात-पिता, गुरु बन्धु-सखा, तेरे चरणों में स्वामी मेरे कोटि प्रणाम|
जो वादा हम भगवान से माँ के गर्भ में करके आये कि “हे नाथ मैं आपको भूलूँ नहीं”, उस वादे को गुरु फिर से याद दिलाते हैं | गुरु हमें भरपूरता, तृप्ति देते हैं और हमारा भगवान से इकरार कराते हैं|
गुरु का जीवन कुर्बानी का जीवन होता है, जिस पर लाखों पार हो जाते हैं| हर कोई मैं और मेरे परिवार तक सिमित होकर जीता है| पर गुरु पूरे विश्व के लिए जीते हैं| गुरु कहते हैं – “The whole universe is your family”.
गुरु की सोच है- “सबका भला हो, सबका हित्त हो, सबकी भक्ति बढे, सबका ज्ञान बढे, जीवन निष्कामी हो और यज्ञ सहित हो| गुरु ऐसी सोच सबकी बना देते हैं| गुरु हमारे जीवन को यज्ञमय बनाते हैं (कर्म अपने सुख के लिए न होकर दूसरों को सुख पहुँचाने के लिए हो, यही यज्ञ है)| गुरु हमें Positivity देते हैं और हमें Ocean of Love बनाते हैं|
अमेरिका की आना जार्विस ने 1908 में अपनी माँ को सम्मान देने के लिए Mother’s Day की शुरुआत की| उनकी माँ एक स्कूल में पढाती थीं और Civil war के दौरान घायल सैनिकों की सेवा करती थीं|
पर आजकल Mothers Day सिर्फ Greeting Cards, Gifts देने, और होटल में खाना खिलाने तक ही सिमित रह गया है | माँ के जीवन में जो प्रेम और कुर्बानी होती है, उसको कोई नहीं समझता| माँ का जीवन यज्ञमय होता है| इस बात का एहसास करके, अपनी माँ के प्रति बहुत शुक्राना, आदर, प्रेम और उनके लिए सेवा का भाव हो|
समुंद्र ने कहा – माँ एक ऐसी हस्ती है जो औलाद के लाखों राज़ अपने सीने में छुपा लेती है
दुआ ने कहा – माँ वो शख्सियत है जो हर वक़्त औलाद के लिए दुआ माँगती रहती है
जन्नत ने कहा – माँ वो हस्ती है जो मैं भी उसके क़दमों तले हूँ
घर ने कहा – माँ वो हस्ती है जिसके बगैर मैं कब्रिस्तान हूँ
खुशबु ने कहा – माँ वो हस्ती है जिसकी खुशबु से सारा जहाँ महक उठता है
खुदा ने फ़रमाया – माँ वो शख्सियत है जो मेरी तरफ से नायाब तोहफा है
गुरु भगवान आप हमारे जीवन में आये, हमारा जीवन कृत्य-कृत्य हो गया !!
“HAPPY MOTHER’S DAY” !!
Gurubhagwan ko koti koti naman hai. Gurubhagwan ke anant shukrane hain. Gurumukh se janam mila, jeevan ka laksh pats chala. Bhagwad prem nirantar badne laga. Bahut shukrane hain, jaise ma bachcho ke sambhal kartee hai, Gurubhagwan har pal hamare sambhal karte hain. Shukrane Gaye dil ghadi ghadi aapka, aapne diya hai hamen pyar do jahan ka. Hare Krishna.